-->
अजा-जजा अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत पीड़ित को राहत राशि मिलने में विलंब नहीं हो सुनिश्चित करें- कलेक्टर श्री बाथम

अजा-जजा अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत पीड़ित को राहत राशि मिलने में विलंब नहीं हो सुनिश्चित करें- कलेक्टर श्री बाथम

रतलाम डेस्क

रतलाम-अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत जिला स्तरीय सतर्कता मॉनिटरिंग  समिति की बैठक गत दिवस संपन्न हुई। बैठक में कलेक्टर श्री राजेश बाथम ने जनजातिय कार्य विभाग की जिला अधिकारी श्रीमती रंजना सिंह को निर्देशित किया कि अधिनियम के अंतर्गत पीड़ित व्यक्ति को शासन द्वारा दी जाने वाली राहत राशि में कतई विलंब नहीं हो यह सुनिश्चित किया जाए। डीएसपी अजाक को निर्देशित किया कि अधिनियम के तहत प्रकरणों की विवेचना में विलंब नहीं हो।

बैठक में जिला अभियोजन अधिकारी श्री जीपी घाटिया, अशासकीय सदस्य श्री प्रभु नेका, श्री सुनील जैन आदि उपस्थित थे।बैठक में कलेक्टर श्री बाथम ने अधिनियम के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों की बारीकी से समीक्षा की, राहत राशि प्रकरणों कें संबंध में बैंक खातों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि  संबंधित का तत्काल बैंक खाता खुल जाए। उज्जैन कमिश्नर कार्यालय में लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु फॉलोअप के लिए निर्देशित किया। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि जनजातिय कार्य विभाग प्रकरणों को इकट्ठा करने के बजाय जैसे-जैसे प्रकरण आते हैं कार्रवाई करते जाए, बताया गया कि अधिनियम के अंतर्गत अनुसूचित जाति के हितग्राहियों को विगत 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2023 की अवधि में 167 प्रकरणों में  141.85 लाख रुपए राहत राशि  भुगतान किया गया है, इसी तरह अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को 54 प्रकरणों में 53.50 लाख रुपए राहत राशि का भुगतान किया गया है, इसके पश्चात 1 जनवरी 2024 से वर्तमान तक अनुसूचित जनजाति के पांच प्रकरणों में सवा 6 लाख रुपए तथा अनुसूचित जाति के 33 प्रकरणों में 23.525 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया गया है।

बैठक में अजाक पुलिस थाने द्वारा बताया गया कि उनके यहां सात प्रकरण पीड़ित के जाति प्रमाण पत्र उपलब्धता के अभाव में लंबित हैं। कलेक्टर ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पीड़ित व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने में देरी नहीं हो यह सुनिश्चित करें। विगत 1 जनवरी से लेकर 15 अगस्त तक दर्ज प्रकरणों की जानकारी में बताया गया कि अनुसूचित जाति के 88 दर्ज प्रकरणों में 22 में विवेचना पूर्ण कर ली गई है, 45 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है तथा 5 प्रकरणों में फरियादी का जाति प्रमाण पत्र नहीं होने से प्रकरण लंबित है। इसी तरह अनुसूचित जनजाति के दर्ज 37 प्रकरणों में 11 की विवेचना पूर्ण कर ली गई है। 21 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है, दो प्रकरणों में फरियादी का जाति प्रमाण पत्र नहीं होने से प्रकरण लंबित है।विगत 1 जनवरी से 15 अगस्त तक राहत प्रकरणों की जानकारी में बताया गया कि अनुसूचित जाति के 22 प्रकरणों में चालान किया गया है, भेजे गए प्रकरणों में 150 प्रकरण सहायक आयुक्त के यहां लंबित है इनमें से 48 फरियादियों का बैंक में खाता एवं जाति प्रमाण पत्र नहीं होने से राहत लंबित है। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति से संबंधित 11 प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किए गए हैं, 74 प्रकरण सहायक आयुक्त के यहां लंबित है, इनमें से 34 फरियादियों का बैंक में खाता एवं जाति प्रमाण पत्र नहीं होने से प्रकरण लंबित है।


--- इसे भी पढ़ें ---

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article

-->