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सैलाना: महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी घूम घूम कर बेच रहे साड़ी।

सैलाना: महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी घूम घूम कर बेच रहे साड़ी।

रतलाम डेस्क

सैलाना - रतलाम सोना,सेंव और साड़ी के लिए दूर दूर तक प्रसिद्ध है।  रतलाम की इन वस्तुओं की प्रसिद्धि से जिले के एक शासकीय विभाग के अधिकारी इतने प्रभावित हुए हैं कि वे खुद ही इन वस्तुओं को विक्रय कर व्यापार करने लगे हैं।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं जिले के सैलाना कस्बे के महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों की । जो इतने उद्यमशील हैं कि वे सरकारी नौकरी के साथ- साथ  उसी नौकरी में से समय निकाल कर अब पार्ट टाइम व्यापार भी कर रहे हैं।

कमीशनखोरी या कमाई ?
दरअसल, यूनिफार्म खरीदने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते में शासन द्वारा एक निश्चित राशि जमा की जाती है। जिससे वे शासन द्वारा तय किया गया ड्रेसकोड या यूनिफॉर्म अपनी सुविधा अनुसार खरीद सकें।
लेकिन, यहां महिला एवं बाल विकास विभाग सैलाना के अधिकारियों को इसमें उनका कमीशन नहीं मिल पाता है। इसलिए महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी थोक में साड़ी खरीद कर कार्यकर्ताओं को बेच रहे हैं एवं कमीशन या कह लो मुनाफा कमा रहे हैं। 

कार्यकर्ताओं का हो रहा नुकसान 
मजबूर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अधिकारियों के सामने बेबस हैं। उन्हें मजबूर किया जाता है कि वे इन अधिकारियों से ही साड़ी खरीदें। जो साड़ी बाजार में 200-250 रुपए में मिल जाती है, उसके मन मुताबिक रुपए अधिकारी कार्यकर्ताओं से जबरन वसूल रहे हैं।
अगर यही साड़ी कार्यकर्ता बाजार से खरीदती तो या तो वो मन मुताबिक फैब्रिक अथवा गुणवत्ता की साड़ी खरीद सकती थी। अथवा जरूरत अनुसार खरीद सकती थी। लेकिन, अधिकारियों को इसमें कमीशन रूपी मलाई नजर आ गई और वो बन बैठे साड़ियों के व्यापारी।

उच्च अधिकारियों व जनप्रतिनिधि से की जाएगी बात
अब ये साड़ी की दुकान जो सैलाना महिला बाल विकास के अधिकारी खोल बैठे हैं । इसमें ऊपर के अधिकारियों की भी सहमति या साझेदारी है या कुछ और इस बारे में विस्तृत पड़ताल एवं चर्चा जिम्मेदारों से की जाएगी।

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