भाजपा ने यादव को मुख्यमंत्री और शुक्ला व देवड़ा को उपमुख्यमंत्री बनाकर साधे एक साथ कई समीकरण।

भाजपा ने यादव को मुख्यमंत्री और शुक्ला व देवड़ा को उपमुख्यमंत्री बनाकर साधे एक साथ कई समीकरण।

भोपाल

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने कई समीकरणों को साधने की कोशिश की है।
आज भाजपा ने सबको चौंकाते हुए मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के लिए ऐसे नामों की घोषणा कर दी जिनके बारे में बड़े से बड़े राजनीतिक पंडितों ने भी सोचा नहीं था।
जहां मुख्यमंत्री के लिए भगवा दल ने संघ के करीबी माने जाने वाले मोहन यादव को चुना है, तो वहीं उपमुख्यमंत्री के लिए राजेंद्र शुक्ला व जगदीश देवड़ा को चुना गया है।

जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश
दरअसल, जहां मुख्यमंत्री बनाए गए मोहन यादव पिछड़ा वर्ग से आते हैं तो वहीं राजेंद्र शुक्ला सामान्य वर्ग से व जगदीश देवड़ा अनुसूचित जाति वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। दरअसल, ओबीसी वर्ग से आने वाले यादव को सीएम बनाकर बीजेपी ने प्रदेश की सबसे बड़ी आबादी को साधने की कोशिश की है। वहीं देवड़ा व शुक्ला को उपमुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने एससी वर्ग व सामान्य वर्ग को भी साथ में साधने की कोशिश की है। यानी, यदि देखा जाए तो बीजेपी ने प्रदेश की 80 फीसदी आबादी को साधने का दांव खेला है।
अब अनुसूचित जनजाति को साधने के लिए बीजेपी बना सकती है आदिवासी चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष।

भौगोलिक समीकरण भी साधे 
यदि भौगोलिक स्तर पर देखा जाए तो सीएम बनाए गए मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं, तो वहीं जगदीश देवड़ा मंदसौर के मल्हारगढ़ से विधायक हैं। इसी प्रकार राजेंद्र शुक्ला रीवा से चुनकर आए हैं और विंध्य के कद्दावर नेता हैं।
दरअसल, भाजपा ने यहां भी भौगोलिक समीकरण साधने की कोशिश की है। इन तीनों के द्वारा बीजेपी ने मालवा - निमाड़ से लेकर विंध्य महाकौशल को साधने का प्रयास किया है।


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