आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषयक दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ शुभारंभ
रतलाम डेस्क
रतलाम-आपदा प्रबंध संस्थान भोपाल, गृह विभाग म.प्र.शासन के निर्देशन में एवं जिला प्रशासन रतलाम एवं यूनिसेफ मध्यप्रदेश के समन्वय से गुरुवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों हेतु आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया ।
आपदा प्रबंध संस्थान भोपाल, गृह विभाग से कार्यशाला में सम्मिलित हुए डॉ. जॉर्ज व्ही.जोसेफ संयुक्त संचालक ने अपने उदबोधन एवं प्रस्तुतीकरण में आपदा एवं आपदा के प्रकार, आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005, आपदा प्रबंधन नीति 2009, के साथ-साथ आपदा प्रबंधन चक्र एवं आपदा के पश्चात पढ़ने वाले मनोसामाजिक प्रभाव एवं उससे उबरने के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री रजनीश सिन्हा ने अपने उदबोधन में कहा कि आपदा में प्रशासनीक अमला हो या स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर निस्वार्थ भाव से कार्य करती है, किंतु कई लोग झरने एवं आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सेल्फी के चक्कर में यह भूल जाते है कि खतरा कितना है जिसके कई उदाहरण हमारे सामने घटित हो चुके है। किंतु ऐसी घटनाएँ जिले में न हो इसके लिए स्वयं सेवी संगठन जन जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करें।
कार्यक्रम के शुभारंभ में श्रीमति संध्या शर्मा ने अपने उदबोधन में कहा कि हमें प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ दैनिक जीवन में आने वाली मानव निर्मित आपदा एवं दुर्घटनाओं से बचाव के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा ग्राम स्तर पर जन जागरूकता कर लोगों को जागरूक कर आपदा से होने वाली मृत्यु को कम किया जा सकता है।
जिला आपदा प्रबंधन समिति सदस्य श्री गोविंद काकानी ने कहा कि सड़क दुर्घटना एवं उससे होने वाली मृत्यु का एक मुख्य कारण यातायात नियमों का पालन न करना है। स्वयं सेवी संस्थाएं ग्रामीण अंचल में कार्य करती है, यदि सभी स्वयं सेवी संस्थाए अपने कार्यक्षेत्र में निवासरत समुदाय को जागरूक करती है, तो निश्चित ही सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु को कम किया जा सकता है। इस दो दिवसीय कार्यशाला से निश्चित ही स्वयं सेवी संस्थाए आपदा के प्रति सशक्त होंगी ।
मानव सेवा समिति अध्यक्ष श्री मोहन मुरलीवाला ने कहा कि आपदा, दुर्घटना, महामारी में रक्त कि आवश्यकता रहती है स्वयंसेवी संस्थाएं रक्तदान के लिये अधिक लोगों को प्रेरित करें ताकि आवश्यकता के समय रक्त मिल सकें।
कार्यक्रम में श्री युवराज सिंह चौहान, जिला होम गार्ड कमांडेंट रतलाम ने अपने उदबोधन में होमगार्ड एवं एस.डी.ई.आर.एफ. उपकरणों का डेमोंसट्रैशन किया व टीम द्वारा किये जाने वाले खोज एवं बचाव तकनीक एवं उपकरणों की जानकारी प्रदान की।कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग से उपसंचालक सुश्री अंकिता पाण्डया, म.प्र. जन अभियान परिषद्, जिला समन्वयक, रत्नेश विजयवर्गीय, कार्यालय कलेक्ट्रेट, कार्यालय अधीक्षक व राहत शाखा प्रभारी श्री प्रभाकांत उपाध्याय, विकासखण्ड समन्वयक श्री रतनलाल चरपोटा, श्री शिवशंकर शर्मा, श्री निर्मल अमलियार, एस.डी.ई.आर.एफ., महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय विभाग, म.प्र. जन अभियान परिषद् व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के लगभग 95 प्रतिभागियों ने सहभागिता की।
प्रशिक्षण में 30 अगस्त, को भूकंप आपदा प्रबंधन, समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन, आगजनी प्रबंधन, सर्प दंस प्रबंधन, खोज एवं बचाव तकनीक एवं डेमोंसट्रेशन एवं आकाशीय बिजली प्रबंधन आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जायेगी। कार्यक्रम के समापन में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये जायेगें।