बहुत ही दर्दनाक हादसा ,कम वोल्टेज की समस्या में एक किसान बड़ी लाइन की चपेट में आया किसान की पोल पर ही हृदयविदारक मृत्यु हुई
Wednesday, February 5, 2025
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संवाददाता-वैभव जाधव
बिजली दुर्घटना में मृत्यु होने पर किसान को मुआवजा मिलना चाहिए
अलीराजपुर-जिले के जोबट क्षेत्र के ग्राम कंदा के एक फलिये में एक किसान की बिजली की बड़ी लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। कम वोल्टेज की समस्या के कारण आए दिन हादसों का डर बना ही रहता है गांव में प्राचीन समय से यह परंपरा रही है कि वहां पर बिजली विभाग से लाइनमैन वायर जलने पर पहुंच नहीं पाते हैं और नहीं पहले किसी किसान के पास लाइन मेन से मोबाइल से संपर्क करने के साधन थे वह खुद ही तार जोड़ने का काम यहां का किसान बरसों से कर रहा है हादसा मंगलवार दाेपहर करीब 3 बजे का बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार दशम उर्फ नानकिया पिता इडला निवासी कंदा कथोया फलिया अपनी बिजली लाइन को ऊंची करने के लिए खंभे पर चढ़ा था, तभी उसकी चपेट में आकर मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार रास्ते से ट्रक, बस सहित अन्य बड़े वाहन निकलते थे तो उसे तार टूटने का डर बना रहता था। वह सोमवार को ही इंदौर जाकर नए तार लेकर आया था। चूंकि गांव में नई बड़ी लाइन डली थी इसलिए उसे लगा कि लाइन बंद होगी, लेकिन जैसे ही वह पोल पर तार जोड़ने चढ़ा करंट लगने से पोल पर ही मौत हो गई।
बिजली विभाग की लापरवाही के कारण यह घटना घटी है अगर समय पर किसान को सर्विस मिल जाती, सहायता मिल जाती तो वह बिजली के पोल पर लाइन जोड़ने के लिए चढ़ता ही नहीं आज गांव में किसानों की हर जगह यही हालत है कि उसे बिजली कंपनी से सर्विस के अभाव में आधे से अधिक कार्य खुद ही करना पड़ते हैं पानी नहीं देने पर फसल मर जाती इसी चिंता के कारण किसान आए दिन ग्रामीण क्षेत्रों में रिस्क लेकर, जान को हथेली पर रखकर ऐसे कार्य करता है अतः शासन की योजना अनुसार किसान को मुआवजा मिलना चाहिए
बिजली दुर्घटना में मृत्यु होने पर अब मिलेगा मुआवजा, DERC विनियम 2024 जारी
बिजली दुर्घटना के कारण अगर मौत हो जाती है तो अब आश्रित को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। जो 60 फीसदी दिव्यांग होंगे उन्हें पांच लाख मिलेगा। इसके अलावा दुधारू पशुओं और पक्षियों की मौत होने पर मुआवजा दिया जाएगा। भैंस गाय ऊंट के लिए 50 हजार रुपये मिलेगा। जबकि घोड़े और बैल आदिस पर 25 हजार रुपये।
बिजली हादसे में अगर किसी भी तरह से मौत होती है तो मुआवजा तय है। हादसे में जान जाने पर अब पांच लाख की जगह सात लाख रुपये मुआवजा मिलेगा। मुआवजे को लेकर शासन ने यह राशि बढ़ाई है। नए नियम के तहत अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह से बिजली की चपेट में आता है या फिर उसकी किसी तरह से मौत हो जाती है तो मुआवजे की राशि बिजली निगम देगा।
बिजली से हुए हादसे में मुआवजे को लेकर कई तरह के पेंच फंस जाते थे। इसकी वजह से दुर्घटना में घायल लोगों और उनके परिजनों को मुआवजे की राशि के लिए दौड़ना पड़ता था। कई बार परिजनों को मुआवजे की राशि नहीं मिल पाती थी। इसी तरह का मामला सहजनवा थाना क्षेत्र के हरपुर बुदहट इलाके में ट्रांसफॉर्मर की चपेट में आने से युवक की मौत मामले में भी हुई थी। परिजनों को मुआवजे के लिए करीब सात से आठ माह तक चक्कर लगाना पड़ा था। मामले में निगम के अधिकारियों ने युवक को मानसिक रूप से बीमार बताते हुए आत्महत्या करार दे दिया था।