रतलाम - कलेक्टर साहब के आदेश का बेखौंफ उल्लंघन...प्रतिबंध के बावजूद जिले में नरवाई जलाना जारी।

रतलाम - कलेक्टर साहब के आदेश का बेखौंफ उल्लंघन...प्रतिबंध के बावजूद जिले में नरवाई जलाना जारी।

रतलाम डेस्क

रतलाम - पिछले दिनों जिला दंडाधिकारी श्री राजेश बाथम द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी कर जिले में नरवाई जलाना प्रतिबंधित किया गया था। आदेश में कहा गया था कि रतलाम जिले की सीमा में कोई भी व्यक्ति या किसान फसल कटाई के पश्चात खेत की साफ सफाई अथवा फसल कटाई के बाद खेत में बचे खड़े खापे ( नरवाई ) को नष्ट करने के उद्देश्य से इनमें आग लगाकर इन्हें नष्ट नहीं करेगा।

जिला दंडाधिकारी के आदेश का हो रहा खुलेआम उल्लंघन
 जिला दंडाधिकारी श्री बाथम द्वारा इस आदेश को जारी किए हुए अभी कुछ ही दिन बीते हैं और इधर लोगों ने खुलेआम साहब के आदेश को हवा में उड़ाना शुरू कर दिया । 

आखिर क्यों किया है नरवाई जलाना प्रतिबंधित
दरअसल, कलेक्टर साहब को अवगत करवाया गया था कि अभी लगभग सभी जगह फसलों की कटाई चल रही है। 
वहीं किसानों द्वारा मशीनों से फसलों की कटाई के बाद खेत में  बचे हुए खापे ( नरवाई ) को नष्ट करने लिए उसमे आग लगाई जाती है। जिसकी वजह से पास के खेतों में खड़ी फसलों में आग लगने की घटनाएं भी होती है, जिस कारण किसानों में विवाद उत्पन होता है व शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका भी बनी रहती हैं  साथ हीं ये वायु प्रदूषण का भी कारण बनती है।
इसी प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए उक्त प्रतिबंध लगाया गया था।
लेकिन, आदेश जारी होने के चंद दिनों बाद ही आदेश का  उल्लंघन होना क्षेत्र में शुरू हो गया।

रतलाम से डेलनपुर के बीच बिल्कुल सड़क से लगे खेतों में ही जलाई जा रही खुलेआम नरवाई
ऐसा भी नहीं है कि ये अंदरूनी क्षेत्रों में कहीं हो रहा हो कि जिम्मेदार देख या पहुंच ना सकें। नरवाई जलाने की ये घटना रतलाम बांसवाड़ा मुख्य सड़क मार्ग से लगे खेत की ही है। 
जहां से रोज कई जिम्मेदार अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है।
तो यहां सवाल यह है कि जिम्मेदारों को यह दिखाई नहीं दे रहा या वे देख कर भी आंखें बंद किए बैठे हैं ?

आदेश के उल्लंघन पर दंड का भी है प्रावधान
 जिला दंडाधिकारी द्वारा नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाने संबंधित आदेश का अगर कोई उल्लंघन करता पाया जाता है तो भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 के अंतर्गत उसे दंडनीय अपराध का दोषी माना जाएगा एवं विधि के प्रावधानों के तहत अभियोजित किया जाएगा।
अब देखना यह है कि जिलाधीश महोदय के आदेश को नरवाई के साथ 'जलाने ' वालों के खिलाफ जिम्मेदार कब अपनी आंखें खोलेंगे. 







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