राहुल गांधी की ' मोहब्बत की दुकान ' से सैलाना वासियों को मिली मायूसी।

राहुल गांधी की ' मोहब्बत की दुकान ' से सैलाना वासियों को मिली मायूसी।

रतलाम डेस्क

सैलाना - कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वायनाड सांसद की ' भारत जोड़ो न्याय यात्रा ' कल सैलाना पहुंची। यहां राहुल गांधी अपने वाहन के ऊपर बैठकर नगर से गुजरे व उपस्थित लोगों का अभिवादन भी किया।


मालवा के गांधी को माल्यार्पण करने का भी समय नहीं निकाल पाए राहुल

नगर की आबादी शुरू होने के पहले ही तहसील कार्यालय के पास सैलाना के कई बार के विधायक व वरिष्ठ कांग्रेसी गांधीवादी नेता रहे स्व. प्रभुदायल गेहलोत का मुर्तिस्थल है। 
स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने यहाँ भी साज सज्जा व टेंट आदि की व्यवस्था इस आशय से कर रखी थी कि राहुल गांधी चंद मिनट का समय निकालकर कांग्रेस की जीवन भर सेवा करने वाले इस नेता का तो सम्मान करेंगे ही, लेकिन राहुल गांधी वहां रुके तक नहीं।
सैलाना के हर वर्ग ने चाहे वह किसी भी दल या विचारधारा का हो उसने राहुल गांधी के इस व्यवहार की निंदा की।

नगर में भी अपेक्षित समय नहीं दिया गांधी ने

वायनाड सांसद नगर में प्रवेश करने के समय से ही पूरे समय अपने वाहन के ऊपर बैठकर लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन करते रहे। वहीं उनके काफिले की गति अधिक होने से जो लोग पिछले कई दिनों से उनके स्वागत सत्कार की तैयारियों में लगे थे वे उनके काफिले के पीछे हार फूल लेकर दौड़ते नजर आए।
लेकिन, राहुल गांधी सैलाना नगर से सरपट गुजर कर सरवन की ओर रवाना हो गए।

राजवाड़ा पर सभा की भी थी तैयारी..पर नही हुई

स्थानीय नेताओं ने राजवाड़ा चौराहे पर ऐसी भी तैयारी कर रखी थी कि राहुल यहां उपस्थित जन समूह को संबोधित करेंगे लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं पाया राहुल अपने काफिले के साथ सीधे सरवन की ओर निकल गए।

रतलाम में भी मुख्य मार्ग से वाहन के अंदर बैठकर ही निकल गए
राहुल गांधी रतलाम होकर सैलाना पहुंचे थे। यहां उन्होंने नुक्कड़ सभा को संबोधित किया फिर वाहन में बैठकर निकल गए। सैलाना बस स्टेंड व राम मंदिर जैसे मुख्य मार्ग से गुजरते हुए भी वो पूरे समय वाहन में ही बैठे रहे। इस कारण राहुल गांधी का स्वागत करने मंच लगाए व सड़क के दोनों ओर खड़े कई लोग उनके निकल जाने के बाद तक इस बात से अनजान रहे कि राहुल गांधी जिस वाहन में बैठे थे वो निकल चुका है, इसलिए कई जगह स्वागतकर्ता राहुल के निकल जाने के बाद फूल बरसाते नजर आए व उन्हे देखने की उम्मीद से आए लोग भी निराश नजर आए।
            (रतलाम में अपने वाहन में बैठे राहुल गांधी)

कार्यकर्ता हुए निराश

पिछले कई दिनों से कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता राहुल की अगवानी के लिए जोरशोर से देर रात तक तैयारियों में लगे हुए थे। लेकिन जब गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा  यहां पहुंची तो स्थानीय कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता ही ऐसा महसूस कर रहे हैं कि उनके साथ ही न्याय नहीं हो पाया ( ये अलग बात है कि खुलकर कोई नही बोल पा रहा ) 
नगर में भी चर्चा रही कि आखिर राहुल इस यात्रा से हांसिल क्या करना चाह रहे हैं ? क्या ऐसे कार्यकर्ताओं और पुराने नेताओं को जोड़े रख पाएंगे राहुल ?

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