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बैतूल में 30 अप्रैल को होगा भव्य सामूहिक उपनयन संस्कार

बैतूल में 30 अप्रैल को होगा भव्य सामूहिक उपनयन संस्कार

बैतूल डेस्क

भगवान परशुराम जयंती पर सनातन संस्कृति का जीवंत उत्सव

बैतूल-सनातन ब्राह्मण महासमाज समिति द्वारा भगवान परशुराम जयंती के पावन अवसर पर दिनांक 30 अप्रैल को एक भव्य सामूहिक उपनयन संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन भगवान शिव परशुराम मंदिर, बडोरा में संपन्न होगा, जिसका उद्देश्य सनातन संस्कृति के मूल संस्कारों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना है।

कार्यक्रम की झलकियाँ:-
सुबह 7 बजे भगवान परशुराम का अभिषेक एवं हवन पूजन होगा, तत्पश्चात 8 बजे से सामूहिक उपनयन संस्कार विधिपूर्वक संपन्न कराया जाएगा। दोपहर 12 बजे समाज के गणमान्य अतिथियों द्वारा आशीर्वचन व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। समाज के प्रतिभाशाली जनप्रतिनिधियों का सम्मान दोपहर 2 बजे से किया जाएगा, साथ ही 4 बजे तक महाप्रसादी वितरण रहेगा। समापन सायं 6 बजे भगवान परशुराम चौक पर प्रसादी वितरण से होगा।

समाज की एकजुटता और परंपरा का संदेश
इस आयोजन में ब्राह्मण समाज की एकजुटता और सनातन धर्म की गौरवशाली परंपराओं को सजीव करने का प्रयास किया गया है। यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी को अपने मूल से जोड़ने का एक सामाजिक प्रयास है।

विशेष सहयोग
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सुश्री उषा द्विवेदी के मार्गदर्शन में समाज की कई महत्वपूर्ण हस्तियां का विशेष सहयोग दे रहे है जिसमें पं. अनिल मिश्रा, पं. नरेंद्र अवस्थी, पं. नारायण मिश्रा, पं. श्याम सुंदर शुक्ला, पं. नीलेश पाठक, श्रीमती संगीता अवस्थी एवं श्रीमती अंजली मिश्रा आदि का सराहनीय योगदान रहा।

समाज की महिला अध्यक्ष साक्षी शर्मा और कार्यक्रम संयोजक पं राजेश अवस्थी ने समाजजनों से भावुक अपील करते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक चेतना को जागृत करने का सुनहरा अवसर है। उन्होंने आग्रह किया कि समाज के सभी वर्ग इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें और इसे एक पर्व के रूप में मनाएं। वहीं, अध्यक्ष पं. सुभाष मोहन पाण्डेय ने इस उपनयन संस्कार को सनातन परंपरा के पुनर्जीवन और युवाओं को वैदिक संस्कृति से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बताया। यह आयोजन समाज की जड़ों से जुड़ने और भावी पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।

मीडिया प्रभारी कार्तिक त्रिवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह आयोजन समाज की सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित करने वाला होगा। उन्होंने अपील की कि समाजजन इस पावन अवसर पर सपरिवार उपस्थित होकर इस पुण्य महायज्ञ का भाग बनें।

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