सैलाना: शराब के मनमाने दाम पर, आबकारी विभाग मौन क्यों ?

सैलाना: शराब के मनमाने दाम पर, आबकारी विभाग मौन क्यों ?

रतलाम डेस्क 

सैलाना- शराब ठेकेदारों  द्वारा शराब दुकानों पर मनमर्जी दाम पर शराब बेचना धड़ल्ले से जारी है। जहां नियम कायदों को ताक पर रखकर मनमर्जी से शराब ऊंचे दामों पर बेची जाती है एवं ग्राहकों को लूटा जा रहा है।
ऐसा ही हाल रतलाम जिले के सैलाना सहित विभिन्न स्थानों पर भी है। 
पूर्व में भी दैनिक सवेरा द्वारा मामले में पड़ताल की गई थी तब शराब ठेकेदारों की जा रही इस भयंकर लूट का पता लगा था।
हाल ही में जब दैनिक सवेरा द्वारा पुनः मामले में छानबीन की गई  तो पता चला कि  शराब दुकानों द्वारा की जा रही लूट अब भी बदस्तूर जारी है।

शराब विक्रेताओं में नहीं है शासन-प्रशासन का खौंफ
जिस तरह बेखौंफ होकर शराब विक्रेताओं द्वारा खुलेआम तय दाम से अधिक मूल्य पर शराब बेची जा रही है, उससे तो यही लगता है कि शराब विक्रेता एवं ठेकेदार को शासन प्रशासन का कोई खौंफ नहीं है। अब शासन प्रशासन का खौंफ क्यों नहीं है यह यहां बड़ा प्रश्न है।

निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर बिक रही शराब 
जब दैनिक सवेरा की टीम ने शराब दुकान पर जाकर शराब की एक बोतल का मूल्य जानना चाहा तो सेल्समैन द्वारा बताया गया मूल्य शासन द्वारा निर्धारित अधिकतम मूल्य से बहुत ज्यादा था।
शराब विक्रेताओं द्वारा शराब पर शासन द्वारा तय मूल्य से लगभग 50 से 100 रुपए तक ज्यादा वसूले जा रहे है। वहीं कई ब्रांड व उत्पाद पर इससे भी ज्यादा दाम वसूला जा रहा है।

आबकारी विभाग की क्या भूमिका है ?
शराब दुकानों पर जो धांधली चल रही है क्या आबकारी विभाग के जिम्मेदार उससे अनजान है ? या सबकुछ जानकर भी मौन है ?
प्रश्न गंभीर है। क्योंकि आमजन की जेब पर शराब ठेकेदारों द्वारा डाका डालकर उनकी जेबें भरने का काम किया जा रहा है। और मामले में आबकारी विभाग की सुस्ती प्रश्न खड़े करती है।

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