इंदौर : हाईकोर्ट का आदेश - 15 दिनों में हटाओ बीआरटीएस का एक साइड का हिस्सा

इंदौर : हाईकोर्ट का आदेश - 15 दिनों में हटाओ बीआरटीएस का एक साइड का हिस्सा

इंदौर डेस्क 

इंदौर-बीते 26 नवंबर को एक याचिका की सुनवाई के दौरान कलेक्टर व निगमायुक्त के उपस्थित ना हो पाने पर बेंच 1 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई में कलेक्टर व निगमायुक्त को अनिवार्य रूप से व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए थे।

कल हुई सुनवाई के दौरान इंदौर कलेक्टर व नगर निगम आयुक्त दोनों पूर्व में जारी निर्देशों के अनुसार कोर्ट में उपस्थित रहे। जिसमें कोर्ट ने 15 दिन में शहर में बीआरटीएस कॉरिडोर का एक तरफ का हिस्सा 15 दिन में हटाने का आदेश दिया।
अदालत को बताया गया कि नगर निगम इंदौर ने एक एजेंसी तय कर ली है व तीन महीने के भीतर बीआरटीएस के बुनियादी ढांचे को हटाने के लिए 7 नवंबर को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर भी कर दिए गए हैं।

नगर निगम आयुक्त ने न्यायालय को बताया कि कॉरिडोर का एक हिस्सा 15 दिनों के भीतर तोड़ दिया जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने इतने ही दिनों के लिए मामले को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए स्थगित कर दिया।

निगरानी समिति गठित

मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित करने व उपरोक्त कार्य की निगरानी एवं अगली तारीख पर कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करने के लिए 
न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीश पटवर्धन की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन किया, जिसमें अधिवक्ता एनएस भाटी, कौस्तुभ पाठक, अजय राज गुप्ता, प्रद्युम्न किबे और जय शर्मा सदस्य रहेंगे।

अन्य मुद्दों पर भी हुई चर्चा

न्यायालय ने अन्य नागरिक चिंताओं पर भी ध्यान दिलाया

न्यायालय ने सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण करने वाले अवैध धार्मिक ढांचों, निर्धारित समय से देर तक व डेसीबल सीमा से अधिक पर उपयोग किए जाने से लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण व मुख्य चौराहों पर पुलिसकर्मियों की कमी के कारण बिगड़ते यातायात पर भी चर्चा की।

याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया गया कि वे अपनी शिकायतों को इन विषयों के अंतर्गत वर्गीकृत कर अगली तारीख से पहले पेश करें ताकि प्राधिकारियों से उचित जवाब मांगा जा सके।।

अगली तारीख पर भी अधिकारियों को बुलाया

न्यायालय ने अगली सुनवाई 16 दिसंबर को इंदौर कलेक्टर, निगमायुक्त व साथ ही डीसीपी यातायात को उपस्थित रहने का आदेश दिया।

याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला व न्यायमूर्ति विनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ कर रही थी।

--- इसे भी पढ़ें ---

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article

-->