-->
रतलाम के गीतादेवी अस्पताल का मामला उठाने के साथ बाजना, रावटी, सरवन, शिवगढ़ में स्थित स्वास्थ्य केन्द्रों के व्यवस्थाओं में सुधार करने की मांग उठाई।

रतलाम के गीतादेवी अस्पताल का मामला उठाने के साथ बाजना, रावटी, सरवन, शिवगढ़ में स्थित स्वास्थ्य केन्द्रों के व्यवस्थाओं में सुधार करने की मांग उठाई।

रतलाम डेस्क

सैलाना-विधायक कमलेश्वर डोडियार ने हाल ही में रतलाम के गीतादेवी अस्पताल में घटित हुई आसामान्य घटना का जिक्र करते हुए विधानसभा सत्र की बैठक के दौरान सदन में निजी अस्पतालो के प्रबंधन द्वारा मरीजों को भर्ती कर परिजनों से उपचार के नाम पर अवैध वसुली का मामला उठाया। डोडियार ने सदन में बताया कि हाल ही में रतलाम शहर में स्थित निजी अस्पताल गीतादेवी में छोटी सी सामान्य बिमारी से ग्रस्त होश हवास में अस्पताल लाये गये मरीज को ICU में भर्ती कर रस्सीयों से मरीज को बिस्तर पर बांध दिया गया था और मरीज के परिजनों को गंभीर बिमारी बताकर उप‌चार के नाम पर लाखों रुपये की मांग की जा रही थी। मरीज को जानकारी का पता लगने पर ICU से विरोध कर बाहर आ गया था। जिसके मुंह में, नाक में नलियां भी लगी हुई थी, जो अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को गुमराह करने के लिए लगायी थी। 
डोडियार ने आगे बताया कि जिले का चिकित्सा अमला जानबुझकर ग्रामीण इलाको में उप स्वास्थ्य कन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन नहीं कर रहा है। डोडियार ने सदन में बताया कि सैलाना विधानसभा क्षेत्र के बाजना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, रावटी, शिवगढ़, सरवन में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में न तो समय पर चिकित्सक उपस्थित होते है और न ही मामुली जाँचो के साथ दवाइयां उपलब्ध होती हैं। यहाँ तक कि स्वास्थ्य केन्द्रो पर मरीजो एवं उनके परिजनो को पीने का पानी तक उपलब्ध नही होता है। आदिवासी क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य केन्द्रो पर पदस्थ चिकित्सकों को मनमर्जी से अन्य जगहों पर अटैच कर दिये जाते हैं, इससे व्यवस्थाएं पूरी तरह से हमेशा बिगडी हुई रहती हैं। विधायक डोडियार ने मांग की कि रावटी, सरवन और शिवगढ़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं क्षेत्र में स्थित सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर पर्याप्त चिकित्सकों को स्थाई रूप से भर्ती किया जाये, ताकि मरीजों को निजी अस्पतालों या महानगरों की ओर रेफर होकर शोषण का शिकार न बनना पड़े।

--- इसे भी पढ़ें ---

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article

-->