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सैलाना: अस्पताल की लाचार व्यवस्था की बलि चढ़ा नवजात

सैलाना: अस्पताल की लाचार व्यवस्था की बलि चढ़ा नवजात

रतलाम डेस्क

पिता ने अस्पताल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप व की जांच की मांग।

सैलाना - मामला सैलाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा है। दरअसल, कलिका माता रोड निवासी कृष्णा पिता देवीलाल ग्वाला पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लेकर गया था । लेकिन ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्स ने उसे देर से बच्चा होने की बात कहकर वापस भेज दिया।
तीसरी बार जब वापस प्रसव पीड़ा अधिक होने लगी तो कृष्णा हाथठेले से पत्नी को अस्पताल लेकर जा रहा था एवं तभी रास्ते में ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। जिसमें बच्चे की मौत हो गई। मामले में परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने एवं बच्चे की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए एसडीम से जांच करने की मांग की है।

अस्पताल के जिम्मेदारों का गैर जिम्मेदाराना रवैया
नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाओं एवं जिम्मेदारों की लापरवाही इस मामले से उजागर होती है। मामले में अगर परिजनों के आरोपों को ध्यान में रखा जाए तो ध्यान देने योग्य है कि यदि डिलीवरी होने में समय भी था तो क्या महिला को अस्पताल में नहीं रखा जा सकता था ?
वहीं मामले में नर्स का कहना है कि - उन्हें दो तीन बार आने के लिए नहीं कहा था। डिलीवरी शाम तक या दो तीन दिन में भी हो सकती है कहा था।

लंबे समय से उठ रही महिला डॉक्टर की मांग
गौरतलब है कि सैलाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला डॉक्टर नहीं है। एवं विभिन्न बैठकों में जनता एवं जनप्रतिनिधियों ने भी कई बार जिम्मेदारों से अस्पताल में महिला डॉक्टर उपलब्ध करवाने की मांग की है लेकिन लगता है किसी ने भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया। शायद अब जिम्मेदार इस ओर प्रयास करें ताकि भविष्य में इस प्रकार किसी मां के बच्चे की जान अव्यवस्थाओं के कारण नहीं जाए।

परिजन ने एसडीम को की लिखित शिकायत
     मामले में प्रार्थी कृष्णा ने एसडीएम को लिखित में शिकायत की है कि 23 मार्च रविवार सुबह 9:00 बजे सैलाना के अस्पताल में डिलीवरी के लिए पत्नी को लेकर गए थे। जहां पर उपस्थित नर्स ने गर्भवती पत्नी को देखकर कहा कि अभी बच्चा होने में दो-तीन दिन की देरी है। इसलिए वे इसे वापस घर ले कर जाएं। उपस्थित नर्स के कहे अनुसार वे अपनी पत्नी को घर ले आए। लेकिन उसी दिन यानी 23 मार्च और 24 मार्च की दरमियानी रात 1:00 बजे उनकी पत्नी को फिर प्रसव पीढ़ा हुई तो फिर वे उसे लेकर अस्पताल गए। फिर वहां ड्यूटी नर्स ने चेकअप कर 15 घंटे का समय बताकर उनकी पत्नी को भर्ती नहीं किया। पुनः वे फिर नर्स के कहे अनुसार पत्नी को लेकर घर ले आए।  शिकायतकर्ता कृष्णा का कहना है कि मात्र 1 घंटे पश्चात ही फिर उन्हें प्रसव पीड़ा हुई। किसी तरह हाथठेले में डालकर पत्नी को अस्पताल ले जाने लगे तब रास्ते में ही उनकी पत्नी को डिलीवरी हो गई और बच्चे की भी मृत्यु हो गई। शिकायतकर्ता कृष्णा ने बच्चे की मौत का जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन को ठहराया है एवं शिकायत में जांच कर जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
 
जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी - एसडीम जैन
मामले में सैलाना एसडीम मनीष जैन का कहना है कि - कालिका माता रोड निवासी कृष्णा का शिकायती आवेदन मिला है। जिसमें उन्होंने अपने बच्चे की मृत्यु के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। आवेदन पर जांच की जाकर उचित कार्रवाई की जाएगी। 2 दिन पूर्व सोशल मीडिया पर भी इस प्रकार की जानकारी आने पर यह शिकायती पत्र मिलने के पूर्व ही मैंने सी.एच.एम.ओ. रतलाम को यह जानकारी देकर अवगत करा दिया था।

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