सैलाना:आदिवासी स्वराज संगठन द्वारा संस्था वाग्धारा के मार्गदर्शन में बीज उत्सव का आयोजन किया गया।।
Wednesday, June 4, 2025
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बीज उत्सव 2025 की थीम बीज -"बीज बचाओ,पर्यावरण बचाओ"
सैलाना- ठिकरिया पंचायत के गांव बखतपूरा खुर्द में कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन सैलाना द्वारा आयोजित,वाग्धारा संस्था के मार्गदर्शन में "बीज उत्सव 2025" का आयोजन हुआ । यह उत्सव राजस्थान,मध्यप्रदेश और गुजरात के सीमावर्ती आदिवासी जिलों में एक साथ मनाया जा रहा है।
बीज उत्सव का उद्देश्य हैं
महिला किसानों के पारंपरिक ज्ञान को मान्यता देना, देशी बीजों की उपलब्धता और विविधता को बढ़ाना,गांव-गांव में बीज उत्पादन और संग्रहण की संस्कृति को पुनर्जीवित करना
उत्सव में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया, जिनमें महिलाओं की अधिक रही।
बीजों की प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें कोदो,कुटकी,तिल, उड़द,मूंग,मक्का,लाल मक्का,ज्वार,बाजरा,धनिया, हल्दी जैसे बीजों के साथ उनकी उपज क्षमता, जलवायु अनुकूलता और पौष्टिकता के महत्व को साझा कीया।
महिलाओं ने परम्परागत गीतों,कहानियों और अनुभवों के माध्यम से यह संदेश दिया कि बीज केवल अन्न नहीं,बल्कि परंपरा,पर्यावरण और पोषण का प्रतीक भी हैं।
बीज संरक्षकों,ग्राम स्वराज संगठनों और सक्षम समूहों ने जलवायु संकट में परंपरागत बीजों की भूमिका और बीज बैंक की आवश्यकता पर बल दिया।
सामूहिक संकल्प लिया:
उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने यह संकल्प लिया कि वे अपने गांवों में देशी बीजों का संरक्षण करेंगे,अगली पीढ़ी को इसका महत्व सिखाएंगे, और खेती को टिकाऊ व आत्मनिर्भर बनाएंगे।
माही मध्य प्रदेश यूनिट लीडर धर्मेंद्र चुंडावत ने बताया कि “बीज उत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि व्यवहारिक बदलाव का आंदोलन है।”
कार्यक्रम के दौरान ब्लॉक सहजकर्ता पिंकी टेलर ने बताया हैं कि प्रकृति का मूलाधार बीज है और बीजों का महत्व सदियों से मान्य है किसानों को बाजार की निर्भरता से मुक्त करने के प्रयास के लिए बताया कि बाजार में उपलब्ध शंकर बीज स्थानीय पर्यावरण और जलवायु के अनुकूल नहीं होते हैं हमारे परंपरागत बीज पोषण से भरपूर हैं एवं स्थानीय जलवायु के अनुकूल हैं।
सामुदायिक सहजकर्ता राकेश,मनोज,लालसिंह, दिव्या,कांतिलाल,अमृतराम परिहार,सरपंच तोलाराम गामड़,मूनसिंह,देवी सिंह, अन्नपूर्णा बाई,कमलेश,बालू मईडा,श्यामा बाई आदि ग्रामीण जन कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे।।